कोरोना वायरस के लक्षण और बचाव

कोरोना वायरस के लक्षण और बचाव

चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस (Coronavirus disease - COVID-19) अब तक 170 से ज्यादा देशों में पहुंच गया है. इसके संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या कफी बड्ड गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने इसे महामारी घोषित कर दिया है.

क्या है कोरोना वायरस

कोरोना वायरस एक ऐसा वायरस है जो जानवरों और इंसानों को बीमार कर सकता है। ये एक RNA वायरस है, जिसका मतलब ये है कि यह एक शरीर के अंदर कोशिकाओं में टूट जाता है और उनका उपयोग खुद को पुन: उत्पन्न करने के लिए करता है। चीन के वुहान में फैल रहा जैसा कोरोना वायरस पहले कभी नहीं देखा गया।

संक्रमण से कैसे बचें

अभी तक ये पूरी तरह से पता नहीं चल सका है कि कोरोना वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कैसे फैलता है.
हालांकि, इससे मिलते-जुलते वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों के ज़रिए फैलते हैं. इसलिए आप ख़तरे को कम करने के लिए इन बातों का ध्यान रख सकते हैं-

खुद रहें सुरक्षित, दूसरे को रखें सुरक्षित

कोरोनो वायरस संक्रमण के लक्षण क्या हैं?

इंसान के शरीर में पहुंचने के बाद कोरोना वायरस उसके फेफड़ों में संक्रमण करता है. इस कारण सबसे पहले बुख़ार, उसके बाद सूखी खांसी आती है. बाद में सांस लेने में समस्या हो सकती है.

वायरस के संक्रमण के लक्षण दिखना शुरू होने में औसतन पाँच दिन लगते हैं. हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि कुछ लोगों में इसके लक्षण बहुत बाद में भी देखने को मिल सकते हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय हो सकता है. हालांकि कुछ शोधकर्ता मानते हैं कि ये समय 24 दिनों तक का भी हो सकता है.

कोरोना वायरस उन लोगों के शरीर से अधिक फैलता है जिनमें इसके संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं. लेकिन कई जानकार मानते हैं कि व्यक्ति को बीमार करने से पहले भी ये वायरस फैल सकता है.

बीमारी के शुरुआती लक्षण सर्दी और फ्लू जैसे ही होते हैं जिससे कोई आसानी से भ्रमित हो सकता है.

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बूढ़ों और पहले से ही सांस की बीमारी (अस्थमा) से परेशान लोगों, मधुमेह और हृदय रोग जैसी परेशानियों का सामना करने वालों के गंभीर रूप से बीमार होने की आशंका अधिक होती है.
कोरोना वायरस का इलाज इस बात पर आधारित होता है कि मरीज़ के शरीर को सांस लेने में मदद की जाए और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए ताकि व्यक्ति का शरीर ख़ुद वायरस से लड़ने में सक्षम हो जाए.

अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो आपको कुछ दिनों के लिए ख़ुद को दूसरों से दूर रहने की सलाह दी जा सकती है.
पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने कहा है कि जिन्हें लगता है कि वो संक्रमित हैं वो डॉक्टर, फार्मेसी या अस्पताल जाने से बचें और अपने इलाक़े में मौजूद स्वास्थ्य कर्मी से फ़ोन पर या ऑनलाइन जानकारी लें.
जो लोग दूसरे देशों की यात्रा कर के यूके लौटे हैं उन्हें सलाह दी गई है कि वो कुछ दिनों के लिए ख़ुद को दूसरों से अलग कर लें.

ख़ुद को अकेले कैसे रखें?

अगर आप संक्रमित इलाक़े से आए हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहे हैं तो आपको अकेले रहने की सलाह दी जा सकती है. ऐसे में ये तरीके अपनाएं -
  घर पर रहें
  ऑफ़िस, स्कूल या सार्वजनिक जगहों पर न जाएं
  सार्वजनिक वाहन जैसे बस, ट्रेन, ऑटो या टैक्सी से यात्रा न करें
  घर में मेहमानों को न बुलाएं
  कोशिश करें कि घर का सामान किसी और से मंगाएं.
अगर आप और भी लोगों के साथ रह रहे हैं तो ज़्यादा सतर्कता बरतें. अलग कमरे में रहें और साझा रसोई व बाथरूम को लगातार साफ़ करें.
14 दिनों तक ऐसा करते रहें ताकि संक्रमण का ख़तरा कम हो सके.

फ़्लू और कोरोना वायरस में क्या अंतर है?

कोरोना वायरस और फ़्लू (बुखार और संक्रामक जुकाम) के कई लक्षण एक जैसे हैं. बिना मेडिकल टेस्ट के इसके अंतर को समझना मुश्किल है.
कोरोना वायरस के प्रमुख लक्षण बुखार और सर्दी ही है. फ्लू में अक्सर दूसरे लक्षण भी दिखाई देते हैं जैसे गले में दर्द.
जबकि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति को सांस की तकलीफ़ की शिकायत रहती है.

महत्वपूर्ण जानकारी

Ministry of Health & Family WelFare of India
World Health Organization (WHO)

स्रोत:
Ministry of Health & Family WelFare of India
BBC

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